भारत में सड़कों के प्रकार

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भारत एक विशाल देश है और इस समय विकास के पथ पर तीव्र गति से बढ़ रहा है। ऐसे में पूरे देश में छोटी-बड़ी सड़कों एक जाल-सा फैला हुआ है जो गाँवों और नगरों को एक दूसरे से जोड़ता है और परिवहन सेवाओं के सुचारू संचालन को संभव बनाता है। भारत में भ्रमण करने के लिए यहाँ की सड़क व्यवस्था को समझना आवश्यक है। इस लेख में हम आपको भारत की विभिन्न प्रकार की सड़कों की जानकारी प्रदान करेंगे जो आपकी यात्रा को सुगम बनाने में सहायक होगी।

भारत में विभिन्न प्रकार की सड़कें हैं। इन सड़कों को उनके उपयोग, उन पर आने वाली वाहन सघनता तथा उपयोगकर्ता के अनुसार वर्गीकृत किया गया है। सड़क के निश्चित प्रयोजन के आधार पर उसकी चौड़ाई, गति सीमा, उपलब्ध सुविधाएं इत्यादि का निर्धारण किया जाता है।

भारत में सड़कों को निम्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है।

राष्ट्रीय राजमार्ग


जैसा कि नाम ही प्रदर्शित कर रहा है, राष्ट्रीय राजमार्ग पूरे देश के महत्वपूर्ण स्थानों को आपस में जोड़ने का काम करते हैं। उदाहरण के लिए - प्रमुख धर्मस्थल, महत्वपूर्ण औद्योगिक शहरों, राज्यों की राजधानियों को एक दूसरे से जोड़ने के लिए राजमार्ग बनाये गए हैं। साधारणतः राष्ट्रीय महामार्ग २ से २ लेन तक के हो सकते हैं। व्यस्ततम मार्गों की स्थिति में ये ६ लेन के भी बनाये जाते हैं।

द्रुतमार्ग (एक्सप्रेसवे)


आसान भाषा में समझने की कोशिश करें, तो वह राजमार्ग, जिन पर चलने वाले वाहनों के प्रवेश और निकास को नियंत्रण में रखा जाता है, उन्हें एक्सप्रेसवे कहते हैं। ये तीव्र गति वाली सड़कें ४ लेन से ६ लेन तक की हो सकती हैं। इन सड़कों को केवल तीव्र गति से लम्बी दूरी तय करने वाले वाहनों के लिए ही आरक्षित किया गया है।

द्रुतमार्गों पर कोई भी वाहन लम्बी दूरी को बिना किसी रुकावट के बहुत ही कम समय में तय कर सकता है। भारत सरकार ने साल २०२० तक १८,६३७ किलोमीटर नए एक्सप्रेसवे निर्माणों का लक्ष्य रखा है, जिसमें से साल २०१८ तक १५८३ किलोमीटर तक के एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा चुका है।

राज्य राजमार्ग


जो सड़कें किसी राज्य के महत्वपूर्ण शहरों और कस्बों को आपस में जोड़ती हैं, और साथ ही उन्हें राजमार्गों से जोड़ती हैं, उन्हें राज्य राजमार्ग के नाम से जाना जाता है। ये सड़कें राज्य सरकार द्वारा बनायी जाती हैं और इनकी देखभाल का उत्तरदायित्व भी राज्य सरकार का ही होता है। ये सड़कें किसी भी राज्य के विभिन्न भागों को आपस में जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

जनपदीय सड़कें


यह सड़कें किसी भी जिले/जनपद के विभिन्न स्थानों को जनपद मुख्यालय से या राजमार्गों से जोड़ती हैं। ये सड़कें जिला परिषद द्वारा बनायी जाती है और इनके रखरखाव का उत्तरदायित्व भी जिला परिषद का ही होता है।

धमनी मार्ग (मुख्य नगर मार्ग)


महानगरों में अत्यधिक मात्रा में आ/जा रहे यातायात को सुगम बनाने के लिए बड़ी सड़कों का निर्माण किया जाता है। जिस प्रकार मानव शरीर में धमनियां विभिन्न अंगों तक रक्त प्रवाह करती हैं उसी प्कार यह सड़कें महानगरों में यातायात का प्रवाह करती हैं। साधारणतः महानगरों की प्रमुख सड़कों को ही धमनी मार्ग के नाम से जाना जाता है, जैसे कि दिल्ली का रिंग रोड।

उप-धमनी मार्ग


धमनी मार्ग की ही तरह उप-धमनी मार्ग भी होते हैं। इन दोनों में अन्तर मात्र इतना होता है कि उप-धमनी मार्ग पर धमनी मार्ग की तुलना में कम यातायात होता है।

वितरक / एकत्रक सड़कें या मोड़


इस प्रकार की सड़कों का मुख्य कार्य शहर के भारी ट्रैफिक को इकट्ठा करना और वाहनों को विभिन्न मार्गों पर ले जाकर विभाजित करना होता है। ये सड़कें विभिन्न चौराहों की मदद से नगर के यातायात को धमनी मार्गों, राजमार्गों और अन्य मुख्य मार्गों की ओर मोड़ने का काम करती हैं। इस प्रकार की सड़कों मुहल्लों / कॉलोनियों को बड़ी सड़कों से जोड़ने का कार्य करती हैं।

स्थानीय सड़कें या गलियां


आवासीय क्षेत्रों के बीच से निकलने वाली सड़कों को स्थानीय सड़क या गली कहते हैं। हमारे घरों से बाहर निकलने पर सबसे पहले यही सड़कें मिलती हैं। इन्हें धीमी गति और कम मात्रा वाले यातायात के लिए बनाया जाता है।

ग्रामीण सड़कें


भारत के दूर-दराज के स्थानों को जोड़ने में ग्रामीण सड़कें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वर्तमान समय में देश की कुल सड़कों का सगभग ७० प्रतिशत भाग ग्रामीण सड़कों का ही है। यह सड़कें भारत के गाँवों को एक-दूसरे से और नगरों से जोड़ने का काम करती हैं। २१वीं सदी में केन्द्र सरकार ने भारत की ग्रामीण सड़कों के विकास की ओर विशेष ध्यान दिया है ताकि गाँवों को देश की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके।

भारत में सड़क मार्ग द्वारा यात्रा कैसे करें?


जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारत इस समय तीव्रगति से विकास कर रहा है और प्रतिदिन विभिन्न प्रकार की नई सड़कों का निर्माण हो रहा है। इस स्थिति में यात्रियों के लिए अपने लिए सही सड़क का चुनाव करना और उनपर वाहन चलाना एक चुनौती का कार्य बन चुका है। इसीलिए यहाँ पर हम आपको कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दे रहे हैं, जिसकी मदद से आपकी सड़क यात्रा सरल हो जाएगी -

  • यात्रा को सुगम बनाने के लिए आप मोबाइल एपों का प्रयोग कर सकते हैं। गूगल मैप, वेज और मैप माइ इंडिया आदि कुछ ऐसी ही प्रसिद्ध पथ प्रदर्शक एप्लीकेशन हैं। ये सभी एप आपको मार्ग दिखाने के साथ ही उस मार्ग से जुड़ी अन्य जानकारी भी उपलब्ध कराते हैं, जैसे कि उस सड़क पर यातायात की स्थिति या अन्य किसी रुकावट की सूचनाएँ आपको इनसे मिल जाएँगी।
  • जब आप इस तरह के किसी एप का प्रयोग कर रहे हों तो सुनिश्चित कर लें कि ये ऑफलाइन हो जाने की स्थिति में भी काम करें।

भारत का जनमानस बहुत ही सरल एवं सहायक प्रवृत्ति के होते हैं। मार्ग भटकने की स्थिति में आप आस-पास के लोगों से सही मार्ग के बारे में पूछ सकते हैं। स्थानीय लोग आपको निश्चित रूप से उचित मार्ग की जानकारी दे देंगे।

यात्रा करने वालों के लिए विशेष सुझाव


अब आप भारत की विभिन्न प्रकार की सड़कों के बारे में जान चुके हैं। तो अब, यात्रा को सुखमय बनाने के लिए सड़क पर चलते समय आपको किन बातों को हमेशा ध्यान रखना है, यह भी जान लीजिये:

  • सदैव गति सीमा का पालन करें।
  • सतर्क रहें और सड़क पर आस-पास चल रही गतिविधियों पर दृष्टि रखें।
  • सदैव सीट बेल्ट / हैलमेट पहनें।
  • जब आप अस्वस्थ या अवसाद की स्थिति में हों, तो वाहन ना चलायें।
  • कभी भी नशे की हालत में वाहन ना चलायें।
  • बगल में चल रहे वाहनों पर ध्यान दें कई बार हम उन्हे देख नहीं पाते हैं।
  • बीच सड़क पर कभी भी जानवर जैसे की गाय या कुत्ते आ सकते हैं, इनसे सावधान रहें।

 

 

शब्द ज्ञान

व्यावहारिकता (संज्ञा)

अर्थ:- व्यवहार कुशल होने की अवस्था या भाव।

उदाहरण:- उसकी व्यवहारिकता के हम कायल हैं।

पर्यायवाची:- व्यवहार कुशलता, व्यवहार कौशल, व्यवहार-कुशलता, व्यवहार-कौशल, व्यवहारकुशलता, व्यवहारकौशल, व्यवहारिकता