किशोर वाहन चालक लाइसेंस

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किशोरावस्था में वाहन चलाने की कल्पना मात्र से ही आनंद की अनुभूति होती है। किंतु वाहन चलाना एक जिम्मेदारी वाला काम होता है क्योंकि एक छोटी सी गलती घातक हो सकती है। अत: किशोर वाहन चालक लाइसेंस के नियम व्यस्कों से भिन्न होते हैं। किशोर वाहन चालक लाइसेंस के लिए आवश्यक जानकारी हमने यहां सरल भाषा में प्रदान की है।

 

किशोरों के लिए लाइसेंस के विकल्प


१६ वर्ष से कम – लाइसेंस के लिए अयोग्य
१६ से १८ वर्ष – सीखनेवाला चालक लाइसेंस (अभिभावक की सहमति से)
१८ से २० वर्ष – स्थायी चालक लाइसेंस (केवल निजी वाहन के लिए)
२० वर्ष से अधिक – स्थायी चालक लाइसेंस सभी प्रकार के वाहनों के लिए

 

आयु के अनुसार वाहन चलाने की योग्यता


१६ से १८ वर्ष – ५० सीसी तक की इंजन क्षमता वाले दुपहिया वाहन
१८ और २० वर्ष – सभी प्रकार के निजी वाहन
२० वर्ष से अधिक – सभी प्रकार के वाहन

 

परीक्षा एवं आवेदन की प्रक्रिया


सीखनेवाला चालक लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आपको लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। परीक्षा के लिए वाहन चालन से संबंधित नियमों को समझ लें। स्थानीय आर॰टी॰ओ॰ से यातायात के नियमें की पुस्तिका लेकर अध्ययन करें और वाहन चालन से संबंधित नियमों को अच्छी तरह से समझ लें। सड़क पर विभिन्न प्रकार के चिन्हों की जानकारी यहां पर उपलब्ध है। स्थायी लाइसेंस के लिए आपको वाहन चलाने की भी परिक्षा उत्तीर्ण करनी होगी, अत: वाहन चलाने में अभयस्त होने पर ही परीक्षा के लिए जाऐं।

लाइसेंस के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया विस्तारपूर्वक यहां पर उपलब्ध है।

 

ध्यान देने योग्य बातें


किशोर चालक लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें।

  • यदि परिवहन कार्यालय में यातायात के नियमों व परिक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों का सूचना पत्र उपल्ब्ध है तो उसकी एक प्रति लेकर अध्ययन करें।
  • अगर आपने ऑनलाइन परीक्षा का आवेदन किया है तो, उसके लिए आवश्यक शुल्क जमा करें। सत्र बुकिंग शुल्क जो आपने ऑनलाइन जमा किया था वह है परीक्षा शुल्क से भिन्न है।
  • सभी वास्तविक पत्राचार, सत्र बुकिंग की रसीद, और पत्राचारों की प्रतियां अपने पास आवश्यक रखें।
  • अपने माता-पिता से प्रपत्र संख्या १ और १ए अवश्य हस्ताक्षरित करवाएं।
  • केवल एक सरकारी चिकित्सा अधिकारी से ही अपना प्रपत्र १ए प्रमाणित करवाएं।

 

 

शब्द ज्ञान

वासवेय (संज्ञा)

अर्थ:- एक बहुत बड़े और श्रेष्ठ ऋषि जिन्होंने वेदों का संग्रह एवं संपादन किया था।

उदाहरण:- वेदव्यास ने महाभारत को लेखनीबद्ध करने के लिए भगवान गणेश को आमंत्रित किया।

पर्यायवाची:- कानीन, कृष्ण द्वैपायन, पाराशर, बादरायण, महर्षि व्यास, वादरायण, वेद व्यास, वेदव्यास, व्यास, सात्यवत