मनपसंद नंबर प्लेट

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भारत की सड़को पर चलने वाले प्रत्येक वाहन का आर॰टी॰ओ॰ में पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। वाहन पंजीकृत करवाने का तरीका बहुत ही आसान है और आम तौर पर नया वाहन खरीदने पर डीलर ही यह काम करवा देता है। जब हम पुराना वाहन खरीददते हैं, तो हमें पंजीकरण हस्तांतरण करवाना होता है।

पंजीकरण के समय, आर॰टी॰ओ॰ हमें अपनी सूची में से अगला नंबर दे देता है। परन्तु कई बार हम आपने वाहन के लिए कोई मनपसंद नंबर लेना चाहते है; जैसे कि "०००७"। इस प्रकार के नंबरों को VIP या फैंसी नंबर भी कहते हैं। भारत में मनपसंद नंबर पाने की प्रक्रिया साधारण नंबर पाने से भिन्न है।

 

मनपसंद नंबर की प्रक्रिया


मनपसंद नंबर हमें क्षेत्रीय परिवहन कार्यलय के द्वारा आयोजित नीलामी प्रक्रिया द्वारा मिलता था। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इस प्रक्रिया को राष्ट्रीय स्तर पर वाहन वेबसाइट के द्वारा उपलब्ध कराया है। मनपसंद नंबर प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया इस प्रकार है।

  1. ऑनलाइन जाकर फैंसी वेबसाइट पर स्वयं को नाम नए उपभोक्ता के रूप में पंजीकृत करें।
  2. राज्य टैब में अपने राज्य का चयन करें। यहाँ उन सभी राज्यों की सूची होगी जहाँ फैंसी नंबर के लिए नीलामी उस समय खुली होगी।
  3. अपना खाता सक्रिय करें।
  4. अपने वाहन की सम्पूर्ण सूचना प्रदान करें।
  5. यदि आप एक से अधिक वाहन के लिए फैंसी नंबर चाहिए तो आपको सबके लिए अलग-अलग पंजीकृत करना होगा।
  6. अब आपको उपलब्ध नम्बरों में से किसीको चुनना पड़ेगा, जिनके आधार मूल्य भिन्न होंगे।
  7. आधार मूल्य वो मूल्य होता है जहां से बोली की शुरुआत होगी।
  8. दो प्रकार का शुल्क देना होगा। एक तो बोली का आधार मूल्य जो वापिस हो जाता है, और दूसरा पूंजीकरण शुल्क जो वापिस नहीं होता है।
  9. निर्धारित दिन व समय पर ऑनलाइन बोली लगती है।
  10. एक समय पर आप अधिकतम दस वाहनों के लिए बोली लगा सकते हैं।
  11. निलामी के परिणाम ऑनलाइन घोषित किए जाते हैं। आप निलामी के परिणाम ऑनलाइन और स्तिथि यहां देख सकते है:-
  12. अगर आप बोली जीत जाते हैं, तो आवश्य्क दस्तावेज आर॰टी॰ओ॰ में जमा करके अपना मनपसंद नंबर प्राप्त करें।

बोली में भाग लेने से पहले उपलब्ध नंबर यहाँ पर जांच लें।

 

राज्यों के नियम


अगर आपका राज्य ऑनलाइन निलामी में भाग नहीं लेता है तो भी आप स्थानीय आर॰टी॰ओ॰ में जा सकते हैं। वहाँ फैंसी नम्बरों सूची होगी उनमें से मनपसंद नंबर शुल्क देकर प्राप्त कर सकते है। यदि उस नंबरों के लिए और भी प्रत्याशी हैं तो आर॰टी॰ओ॰ स्थानीय स्तर पर बोली लगवा सकता है।

अपने राज्य/आर॰टी॰ओ॰ की निलामी की अधिसूचना राज्य परिवहन विभाग की वेबसाट पर भी मिल सकती है। आम तौर पर, बोली की अधिसूचना आपकप यहाँ भी मिल सकती है।

 

 

शब्द ज्ञान

भोलेनाथ (संज्ञा)

अर्थ:- एक सृष्टिनाशक हिन्दू देवता।

उदाहरण:- शंकर की पूजा लिंग के रूप में प्रचलित है।

पर्यायवाची:- अंड, अंधकारि, अंबरीष, अक्षतवीर्य, अक्षमाली, अघोरनाथ, अण्ड, अनंगरि, अनंगारि, अनर्थनाशी, अन्नपति, अपराधभंजन, अबलाबल, अब्जवाहन, अमृतवपु, अमोघदंड, अमोघदण्ड, अम्बरीष, अयोनि, अयोनिज, अरिंदम, अर्घेश्वर, अस्थिमाली, अहिमाली, आशुतोष, इंदुशेखर, इन्दुशेखर, उग्रधन्वा, उमाकांत, उमाकान्त, उमेश, कपालपाणि, कपाली, कामारि, कालेश, काशीनाथ, कील, कुंड, कुण्ड, कैलाश नाथ, कैलाशनाथ, गंगाधर, गिरिनाथ, गिरीश, गौरीश, चंद्रशेखर, चन्द्रशेखर, जगद्योनि, जटाधारी, जटामाली, तारकेश्वर, त्रिनेत्र, त्रिपुरांतक, त्रिपुरारि, त्रिपुरारी, त्र्यंबक, त्र्यक्ष, त्र्यम्बक, दुष्काल, देवाधिदेव, देवेश्वर, धूम्र, नंदिकेश्वर, नदीधर, नन्दिकेश्वर, नपराजित, नागी, नाभ, नीलग्रीव, पंचमुख, पंचानन, पञ्चमुख, परंजय, पश, पशुपति, पादभुज, पार्श्ववक्त्र, पिनाकपाणि, पिनाकी, पुद्गल, फाल, बीजवाहन, भगाली, भव, भवेश, भालचंद्र, भालचन्द्र, भुवनेश, भूतचारी, भूतनाथ, भूतेश, भोला, भोलानाथ, मंगलेश, महाक्रोध, महादेव, महार्णव, महेश, महेश्वर, मृत्युंजय, यमेश्वर, ययातीश्वर, ययी, योगीनाथ, योगीश, राकेश, रुद्र, वरेश्वर, वसुप्रद, विद्वत्, विभु, विरुपाक्ष, विरोचन, विश्वनाथ, वीरेश, वीरेश्वर, वृषभकेतु, वैद्यनाथ, व्योमकेश, शंकर, शंभु, शङ्कर, शम्भु, शशिधर, शशिभूषण, शारंगपाणि, शारंगपानि, शिखंडी, शिखण्डी, शिव, संवत्सर, सतीश, सद्य, सर्पमाली, सर्व, सवर, सुप्रतीक, सुहृद, स्नेहन, हर